Shortage of Pilots in India: क्या भारत में पायलटों की हो रही कमी? अब एयर इंडिया करने जा रही ये प्लान
Shortage of Pilots in India टाटा समूह की विमानन कंपनी एयर इंडिया जल्द ही दूसरे देशों में काम कर रहे विदेशी पायलटों को नियुक्त करेंगे। हालांकि कुछ वरिष्ठ भारतीय पायलटों ने इस कदम को पागल पहल करार दिया है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Shortage of Pilots in India: क्या भारत में पायलटों की कमी हो रही है? ये सवाल इसलिए उठाए जा रहे है क्योंकि टाटा समूह (Tata Group) की विमानन कंपनी एयर इंडिया (Air India) जल्द ही दूसरे देशों में काम कर रहे विदेशी पायलटों को नियुक्त करेगी।
इन विदेशी पायलटों को बेहतर वेतन के साथ कई लाभ की भी पेशकश की जा रही है। आपको शायद इस बात की जानकारी होगी कि इन दिनों एयर इंडिया पायलटों की कमी से जूझ रहा है और उनके पास बोइंग 777 जैसे वाइड बॉडी एयरक्राफ्ट (Wide body Aircraft) हैं। लेकिन, उन्हें उड़ाने के लिए पर्याप्त संख्या में पायलट (Pilot) नहीं हैं। इसी को देखते हुए अब कंपनी ने विदेशी पायलटों को नियुक्त करने का प्लान बनाया है।
भारतीय पायलटों ने इस कदम को बताया पागलपन
एयर इंडिया में पायलटों की कमी को देखते हुए कंपनी अब विदेशी पायलटों को नियुक्त करेगी। हालांकि, कुछ वरिष्ठ भारतीय पायलटों ने इस कदम को 'पागल पहल' (crazy initiative) करार दिया है। वरिष्ठ पायलटों के मुताबिक, एयर इंडिया के पास पहले से ही बोइंग 777 का परिचालन करने के लिए कुशल और अनुभवी पायलट हैं और विदेशी पायलटों की नियुक्ती एयर इंडिया का एक पागल पहल है।
क्या कह रही है सरकार?
भारत सरकार ने हमेशा से इंकार किया है कि भारत में पायलटों की कमी है। हालांकि, सरकार ने ये माना है कि कुछ विशेष प्रकार के विमानों के लिए कमांडर की मामूली कमी है और इसके प्रबंधन के लिए विदेशी पायलटों की सेवाएं ली जा रही हैं। नागर विमानन राज्य मंत्री वी. के. सिंह ने 26 जुलाई 2022 को एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को जानकारी देते हुए कहा था, 'भारत में पायलटों की कमी नहीं है। हालांकि, कुछ विशेष प्रकार के विमानों के लिए कमांडर की मामूली कमी है और इसके प्रबंध हेतु विदेशी हवाई कर्मी दल अस्थायी अधिकार-पत्र (FATA) जारी करके, विदेशी पायलट की सेवा ली जा रही है।’
बता दें कि भारत में एयरलाइंस के साथ कार्यरत 9,000 से अधिक पायलटों की तुलना में 30 जून, 2022 तक भारत में 82 FATA-धारक थे।
हर साल घट रहे पायलट
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2019 के दौरान कुल 744 वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (CPL) जारी किए गए, जो वर्ष 2020 में घटकर 578 रह गए। हालांकि, वर्ष 2021 में यह संख्या बढ़कर 862 और 30 जून, 2022 तक 699 हो गई।
सरकार का अनुमान है कि भारत को अगले पांच सालों में सालाना 1 हजार से अधिक पायलटों की आवश्यकता हो सकती है। जून 2022 में, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने पांच हवाई अड्डों, भावनगर (गुजरात), हुबली (कर्नाटक), कडप्पा (आंध्र प्रदेश), किशनगढ़ (राजस्थान) और सलेम (तमिलनाडु) में छह और उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (FTO) स्लॉट के लिए अनुबंध प्रदान किए। बता दें कि वर्तमान में, भारत में 32 कार्यात्मक एफटीओ हैं।
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