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Basawon Singh: बिहार का वो मजदूर नेता जिनका 57 दिनों का अनशन तुड़वाने के लिए मां को बुलाया गया था जेल में

Basawon Singh बिहार के मजदूर नेता बसावन सिंह ने अपनी जिंदगी के 18 साल जेल में ही बिताया था। उन्होंने आजादी की लड़ाई में जेल के भीतर सबसे अधिक दिनों तक भूख हड़ताल भी किया था। आइये जान लेते है स्वतंत्रता सेनानी बसावन सिंह के बारे में।

By Nidhi AvinashEdited By: Published: Mon, 28 Nov 2022 10:26 AM (IST)Updated: Mon, 28 Nov 2022 10:26 AM (IST)
Basawon Singh: बिहार का वो मजदूर नेता जिनका 57 दिनों का अनशन तुड़वाने के लिए मां को बुलाया गया था जेल में
बिहार का वो मजदूर नेता जिनका 57 दिनों का अनशन तुड़वाने के लिए मां को बुलाया गया था जेल में

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Basawon Singh: जयप्रकाश नारायण के समाजवादी साथी बसावन सिंह ( (Basawon Singh) ने वर्ष 1942 के आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई थी। बसावन सिंह ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी का भी जमकर विरोध किया था।

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जानकारी के लिए बता दें कि जब जेपी वर्ष 1974 में आंदोलन शुरू करने जा रहे थे, तो उन्होंने तीन व्यक्तियों से विचार-विमर्श किया था। उन तीन में सबसे पहले व्यक्ति बसावन सिंह थे। आज की पीढ़ी को शायद ये नहीं पता होगा कि बसावन सिंह कौन थे? तो आइये जान लेते है बिहार के लोकप्रिय मजदूर नेता बसावन सिंह के बारे में जिन्होंने इस देश की आजादी और मजदूर आंदोलन में अपनी पूरी जान झोंक दी थी।

भूख हड़ताल करने वाले स्वतंत्रता सेनानी बसावन सिंह

आज शायद बहुत ही कम लोगों को इसकी जानकारी होगी लेकिन आजादी की लड़ाई में जेल के भीतर सबसे अधिक दिनों तक भूख हड़ताल करने वाले स्वतंत्रता सेनानी बसावन सिंह ही थे। उन्होंने ब्रिटिश भारत में करीब 18 साल जेल में ही बिताए। अंडमान-निकोबार की जेल में काला पानी की सजा पाने वाले व्यक्तियों में सबसे लंबा समय जेल में बिताने वाले बसावन सिंह थे। बसावन सिंह वो नेता थे जो आजादी के बाद मजदूरों के हक के लिए लड़े और उन्हीं के कारण डालमिया नगर के लगभग 3,600 मजदूरों की नौकरी बहाल हुई थी।

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दीवार फांद कर जेल से भागे थे बसावन सिंह

आजादी की लड़ाई में हजारीबाग जेल से जेपी के भागने के किस्से हर किसी को पता होंगे लेकिन ये बहुत कम लोगों को पता होगा कि गिरफ्तार होने के ठीक तीन दिन के भीतर बसावन सिंह पटना के बांकीपुर जेल से दीवार फांद कर भागे थे। दीवार फांदने के बाद बसावन सिंह के पूरे शरीर में बबूल के कांटे चुभ गए थे। उसी अवस्था में बसावन सिंह दो किलोमीटर तक भागते रहे और सीधा अपने डॉक्टर दोस्त के पास पहुंचे और बबूल के कांटे अपने शरीर से निकलवाया। लेकिन बाद में उन्हें कोलकाता में पकड़ लिया गया था।

अनशन तुड़वाने के लिए मां को बुलाया गया था जेल में

बसावन सिंह जब गया की जेल में 57 दिनों तक भूख हड़ताल पर थे तब उनका अनशन तुड़वाने के लिए बसावन की मां को बुलाया गया लेकिन उनकी मां ने अपने बेटे का अनशन तोड़ने की जगह पर ये कहा कि वो अपना भूख हड़ताल जारी रखे और देश की रक्षा की लड़ाई में विजयी हो।

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