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Himachal Election 2022: सर्विस वोटर पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने कर्मचारियों की सूची निर्वाचन अधिकारी को सौंपी

Himachal Election Postal Ballot Votes हिमाचल प्रदेश में सर्विस वोटर मामले पर सियासत गरमा गई है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस केंद्रीय चुनाव आयोग को शिकायत करने की तैयारी में है। इसको लेकर प्रदेशभर से तथ्य जुटाए हैं व कर्मचारियों की सूची बनाई है।

By Jagran NewsEdited By: Rajesh Kumar SharmaPublished: Mon, 28 Nov 2022 08:41 AM (IST)Updated: Mon, 28 Nov 2022 08:41 AM (IST)
Himachal Election 2022: सर्विस वोटर पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने कर्मचारियों की सूची निर्वाचन अधिकारी को सौंपी
सर्विस वोटर मामले पर कांग्रेस चुनाव आयोग जाएगी।

शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Election Postal Ballot Votes, सर्विस वोटर मामले में कांग्रेस केंद्रीय चुनाव आयोग को शिकायत करने की तैयारी में है। इसको लेकर प्रदेशभर से तथ्य जुटाए हैं। बिलासपुर के घुमारवीं से कांग्रेस प्रत्याशी राजेश धर्माणी ने ऐसे 18 कर्मचारियों की सूची जिला निर्वाचन अधिकारी को सौंपी है। इसमें कहा है कि दूसरे चुनाव क्षेत्र में ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों ने समय पर पोस्टल बैलेट के लिए आवेदन किया था, लेकिन डाक विभाग की देरी के कारण आवेदन समय पर रिटर्निंग आफिसर (आरओ) कार्यालय नहीं पहुंच पाए। इससे आरओ स्तर पर कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट नहीं दिए गए और कई लोग वोट नहीं दे पाए।

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धर्माणी ने षड्यंत्र का आरोप लगाया

राजेश धर्माणी ने कर्मचारियों को वोट देने के अधिकार से वंचित रखने के लिए षड्यंत्र का आरोप लगाया है। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि जिन कर्मचारियों ने समय पर आवेदन कर रखा है, उनके आवेदन की तिथि को देखकर उन्हें वोट देने का अधिकार दिया जाए।

अन्‍य विधानसभा क्षेत्रों से शिकायत की तैयारी

अन्य विधानसभा क्षेत्रों से भी कांग्रेस प्रत्याशी और पार्टी का विधि विभाग राज्य निर्वाचन विभाग के माध्यम से केंद्रीय चुनाव आयोग से शिकायत करने जा रहा है। इससे पहले सभी चुनाव क्षेत्रों से कर्मचारियों की जानकारी जुटाई जा रही है कि किन-किन कर्मचारियों ने समय पर पोस्टल बैलेट के लिए आवेदन किया था और किनकी लापरवाही से कर्मचारी वोट नहीं दे पाए हैं।

देरी से मिली पोस्‍टल बैलेट की मांग

अधिकारियों के अनुसार वोट नहीं दे पाने वाले जिन कर्मचारियों की लिस्ट कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा दी गई है, उनकी पोस्टल बैलेट की मांग 10 अक्टूबर को देरी से मिली है, जबकि, पोलिंग पार्टियां इस दिन सुबह ही पोलिंग बूथ के लिए निकल गई थीं, इसलिए सभी मतदान केंद्रों की वोटर लिस्ट मार्क करके प्रीजाइडिंग आफिसर को सुबह ही हैंड ओवर कर दी गई थी। पोस्टल बैलेट पोलिंग पार्टी के मूव करने से पहले तक लिए जा सकते हैं, ताकि पोलिंग बूथ को भेजे जाने वाली वोटर लिस्ट में मार्क किया जा सके कि किस कर्मचारी को पोस्टल बैलेट दिया गया है। इसे मार्क करना इसलिए जरूरी होता है ताकि कोई भी कर्मचारी दो बार वोट न दे।

चुनाव आयोग से भी होगी शिकायत

प्रदेश कांग्रेस विधि विभाग के अध्‍यक्ष अधिवक्ता आइएन मैहता ने कहा कांग्रेस जिलों से सारे तथ्यों को जुटा रही है। कर्मचारियों को मताधिकार से वंचित किया गया है। इसकी शिकायत केंद्रीय चुनाव आयोग से भी की जाएगी।

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