Move to Jagran APP

कोरोना का पहला सिक्वेंस डिकोड करने वाले चीनी विज्ञानी को लैब से निकाला, वैज्ञानिकों पर लगातार दबाव बना रहा ड्रैगन

चीन में कोरोना वायरस का सिक्वेंस को डिकोड करने वाले पहले विज्ञानी को उनकी लैब से बाहर निकाल दिया गया है। विषाणु विज्ञानी झांग योंगझेन ने जनवरी 2020 में कोरोना का सिक्वेंस डिकोड किया था। यह कदम दिखाता है कि चीन की सरकार विज्ञानियों पर लगातार दबाव बना रही है ताकि कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से निपटने के उसके तरीके की समीक्षा नहीं हो सके।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Published: Tue, 30 Apr 2024 11:47 PM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2024 11:47 PM (IST)
शोध कर रहे विज्ञानियों के प्रयोगशालाओं को बंद करवाया। (फाइल फोटो)

एपी, शंघाई। चीन में कोरोना वायरस का सिक्वेंस को डिकोड करने वाले पहले विज्ञानी को उनकी लैब से बाहर निकाल दिया गया है। इसके विरोध में उन्हें धरने पर बैठना पड़ा है। विषाणु विज्ञानी झांग योंगझेन ने जनवरी 2020 में कोरोना का सिक्वेंस डिकोड किया था। यह कदम दिखाता है कि चीन की सरकार विज्ञानियों पर लगातार दबाव बना रही है ताकि कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से निपटने के उसके तरीके की समीक्षा नहीं हो सके।

loksabha election banner

विषाणु विज्ञानी झांग योंगझेन ने सोमवार को ऑनलाइन पोस्ट में लिखा कि उन्हें तथा उनकी टीम को पता चला कि उन्हें उनकी प्रयोगशाला से बाहर निकाला जा रहा है। झांग ने चीनी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म 'वीबो' पर यह पोस्ट लिखा था, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया। शंघाई पब्लिक हेल्थ क्लिनिकल सेंटर ने ऑनलाइन बयान में कहा कि झांग की लैब को सुरक्षा कारणों से इसे बंद किया गया है।

शोध कर रहे विज्ञानियों के प्रयोगशालाओं को बंद करवाया

उन्हें वैकल्पिक प्रयोगशाला मुहैया कराई गई है, लेकिन झांग ने लिखा कि उनकी टीम को उनके निष्कासन की सूचना मिलने तक कोई विकल्प नहीं दिया गया था। दरअसल चीन नहीं चाहता कि कोरोना के प्रकोप के शुरुआत किस तरह हुई इस बारे में दुनिया को पता चले। उसने इस बारे में शोध कर रहे विज्ञानियों के प्रयोगशालाओं को बंद करवा दिया है। विदेशी विज्ञानियों को देश से बाहर कर दिया है। चीनी शोधकर्ताओं को देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई है।

वायरस के सिक्वेंस को सार्वजनिक नहीं किया

झांग की चुनौतियां तब शुरू हुईं जब उन्होंने और उनकी टीम ने पांच जनवरी, 2020 को वायरस को डिकोड किया और चीनी अधिकारियों को इसके फैलने की आशंका को लेकर चेताया। हालांकि वायरस के सिक्वेंस को सार्वजनिक नहीं किया। अगले दिन चीन के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने झांग की प्रयोगशाला को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया गया।विदेशी विज्ञानियों को जल्द ही पता चला कि झांग और अन्य चीनी विज्ञानियों ने वायरस को समझ लिया है और उन्होंने चीन से सिक्वेंस जारी करने का आह्वान किया।

वायरस के सिक्वेंस का पता लगाना जरूरी होता है

सरकार से अनुमति न होने के बावजूद, झांग ने इसे 11 जनवरी, 2020 को प्रकाशित किया। परीक्षण, रोग नियंत्रण उपायों और टीकाकरण के लिए वायरस के सिक्वेंस का पता लगाना जरूरी होता है। झांग के सहयोगी और सिडनी विश्वविद्यालय में विषाणु विज्ञानी होम्स के अनुसार, सिक्वेंस के प्रकाशन के बाद से झांग को परेशान किया जा रहा है। उन्हें चाइनीज सेंटर फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन से निकाल दिया गया।

ये भी पढ़ें: नेतन्याहू ने खाई कसम! शर्त के साथ या उसके बगैर ही रफाह में हमला करने की तैयारी, 14 लाख लोगों पर मंडराया खतरा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.