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Agra Police Commissionerate: 75 वें और आखिरी कप्तान हैं प्रभाकर चौधरी, आजादी से अब तक का जिला कप्तान का इतिहास

Agra Police Commissionerate आखिरी कप्तान के रूप में एसएसपी प्रभाकर चौधरी का शानदार कार्यकाल। अवैध खनन पर बड़ी चोट करने के साथ ही उनके समय में ही डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में चल रहे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ।

By Yashpal SinghEdited By: Tanu GuptaPublished: Sun, 27 Nov 2022 11:40 AM (IST)Updated: Sun, 27 Nov 2022 11:40 AM (IST)
एसएसपी प्रभाकर चौधरी आगरा जिले के 75 वें कप्तान हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद वर्षों पुरानी व्यवस्था में बदलाव हुआ है। आजादी के बाद से अब तक आगरा ने 75 पुलिस कप्तान देखे हैं। इनमें से कुछ ऐसे हैं जिन्होंने तैनाती का रिकार्ड बनाया तो कुछ ऐसे हैं, जिनकी विदाई कुछ दिनों में ही हो गई। बसपा सरकार में यहां डीआइजी रैंक के अधिकारियों को कमान मिली। अब कमिश्नरेट प्रणाली में आइजी रैंक के अधिकारी को जिले की कमान मिलने जा रही है।

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ये रहा है आगरा में पुलिस कप्तान का इतिहास

आजादी के बाद वर्ष 1952 में पहले कप्तान के रूप में आगरा में एसके कार को तैनाती मिली। लगभग दो वर्ष तक उन्होंने पुलिसिंग की। इसके बाद 1954 से 1955 तक एसपी त्यागी जिले के कप्तान रहे। बहुजन समाज पार्टी की सरकार में जिले में डीआइजी रैंक के अधिकारी को कप्तान बनाया गया। समाजवादी सरकार बनने के बाद फिर से एसएसपी रैंक के अधिकारी को कप्तान बना दिया गया। सबसे कम समय कप्तान के रूप में जोगेंद्र कुमार रहे। उनका कार्यकाल महज 18 दिन रहा।

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एसएसपी प्रभाकर चौधरी की है अपराधियों में दहशत

पांच माह पहले एसएसपी प्रभाकर चौधरी को जिले के 75 वें कप्तान के रूप में कमान सौंपी गई। उनकी ईमानदार और तेज तर्रार छवि से माफिया में दहशत फैल गई। अवैध खनन पर बड़ी चोट करने के साथ ही उनके समय में ही डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में चल रहे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ। भ्रष्टाचार के मामलों में उन्होंने कड़े निर्णय लिए। कई पुलिसकर्मियों के विरुद्ध अभियोग तक पंजीकृत करा दिए। एसएसपी प्रभाकर चौधरी का जिले के अंतिम कप्तान के रूप में नाम दर्ज रहेगा। 


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