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Punjab News: कार्मल कान्वेंट हादसे में स्कूल को क्लीन चिट, इंजीनियरिंग विभाग को ठहराया जिम्मेदार

कार्मल कान्वेंट स्कूल में हेरिटेज पेड़ गिरने से हुए हादसे के छह माह बाद आखिरकार जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। रिटायर्ड जज जितेंद्र चौहान के नेतृत्व में बनीं जांच कमेटी ने स्कूल को क्लिन चीट दे दी है।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghPublished: Tue, 07 Feb 2023 09:41 AM (IST)Updated: Tue, 07 Feb 2023 09:41 AM (IST)
Punjab News: कार्मल कान्वेंट हादसे में स्कूल को क्लीन चिट, इंजीनियरिंग विभाग को ठहराया जिम्मेदार
कार्मल कान्वेंट हादसे में स्कूल को क्लीन चिट, इंजीनियरिंग विभाग को ठहराया जिम्मेदार

चंडीगढ़, जागरण संवाददाता। शहर के सेक्टर-9 स्थित कार्मल कान्वेंट स्कूल में हेरिटेज पेड़ गिरने से हुए हादसे के छह माह बाद आखिरकार जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। इसमें स्कूल को तो क्लीन चिट दी गई है। लेकिन प्रशासन ने इंजीनियरिंग विंग को जिम्मेदार ठहराया है। हादसे के बाद प्रशासन ने रिटायर्ड जज जितेंद्र चौहान के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की थी।

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जांच कमेटी ने दी रिपोर्ट

रिटायर्ड जज के नेतृत्व में गठित कमेटी ने इस हादसे के छह माह बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि गिरा पीपल का वर्षों पुराना यह पेड़ रोगग्रस्त होने के कारण वजन को सहन नहीं कर सका और गिर पड़ा। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कुछ सिफारिशों को भी लागू करने के लिए कहा है, जिससे ऐसे हादसे शहर में दोबारा न हों।

कमेटी ने रिपोर्ट में कहा कि पेड़ के संरक्षक (स्कूल प्राधिकरण) आम आदमी हैं, विशेषज्ञ नहीं। उनसे यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह स्कूल परिसर में ऐसे परिपक्व पेड़ को बनाए रखने के लिए काम करें। इसलिए यह विभाग की जिम्मेदारी है। वह ऐसे स्कूल को शिक्षित और मार्गदर्शन करें कि कैसे संरक्षण की पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया जाए। इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश होने चाहिए थे, जो कि नहीं किए गए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूल के अधिकारियों को लापरवाही का दोषी नहीं ठहराया जा सकता या उन्हें घटना का सूत्रधार नहीं माना जा सकता। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि ऐसे पेड़ तेज हवा आने पर खुद गिर जाते हैं। पेड़ बाहर से तो स्वास्थ्य दिखता था, लेकिन भीतर से कमजोर था।

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प्रशासन ने दी ये दलील

मामले में प्रशासन का मानना है कि किसी स्पष्ट दिशा-निर्देश के अभाव में इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों को निजी संस्थानों के परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी, जिनके परिसर में पेड़ था। अधिकारियों के अनुसार भविष्य में ऐसी किसी भी अप्रिय और दुखद घटना को टालने के लिए एक विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

प्रशासन के अनुसार दो हेरिटेज पेड़ जो सेक्टर-19 और सेक्टर-33 में थे, उन्हें भी हटा दिया गया है। दो हेरिटेज पेड़ों की शाखाओं की छंटाई की गई है। तीन महीने के अंतराल पर हेरिटेज पेड़ के नियमित निरीक्षण और रिपोर्टिंग के लिए एक कमेटी गठित की गई है। 207 विद्यालयों के परिसर में खड़े सभी वृक्षों का विस्तृत सर्वेक्षण और विद्यालय परिसर से 94 मृत और सूखे वृक्षों को हटाया गया है।

हुआ था दर्दनाक हादसा

यह हादसा पिछले साल आठ जुलाई को हुआ था। इसमें पीपल का पेड़ गिरने से स्कूल की 16 वर्षीय छात्रा हीराक्षी की जान चली गई थी। हादसे में डेढ़ दर्जन बच्चे और 40 वर्षीय महिला अटेंडेट गंभीर रूप से घायल हुई थी। हादसा दिन में करीब साढ़े 11 बजे उस समय हुआ था, जब स्कूल परिसर में छात्राएं लंच कर रहीं थीं। जांच कमेटी ने सभी पक्षों के बयान दर्ज किए थे, जिसमें शिक्षकों, बच्चों और प्रशासन के अधिकारियों के बयान शामिल थे।


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