Move to Jagran APP

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से अखिलेश यादव ने किया किनारा, कहीं मुस्लिम वोटबैंक तो वजह नहीं?

भारत जोड़ो यात्रा में सपा मुखिया अखिलेश यादव शामिल नहीं होंगे। माना जा रहा है कि मुस्लिम वोटबैंक के बंटने के डर से वे यात्रा में शामिल नहीं हो रहे हैं। मालूम हो कि लोकसभा चुनाव 2019 के सबसे खराब परिणाम में भी 14 प्रतिशत मुसलमान कांग्रेस के साथ रहे।

By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarPublished: Fri, 30 Dec 2022 08:47 PM (IST)Updated: Fri, 30 Dec 2022 08:47 PM (IST)
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से अखिलेश यादव ने किया किनारा, कहीं मुस्लिम वोटबैंक तो वजह नहीं?
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से अखिलेश यादव ने किया किनारा

नई दिल्ली, जितेंद्र शर्मा। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) अभी विराम पर है, लेकिन चर्चा जोर पकड़े हुए है कि उत्तर प्रदेश में उनकी यात्रा में शामिल होने के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी तैयार नहीं हैं। बेशक तर्क अलग-अलग दिए गए हैं, लेकिन परिस्थितियां इसके स्पष्ट राजनीतिक निहितार्थ समझा रही हैं।

loksabha election banner

यात्रा का रूटमैप दिखा रहा कांग्रेस का रोडमैप

2019 के लोकसभा चुनाव में अपना सबसे खराब प्रदर्शन करने के बावजूद मुस्लिमों का 14 प्रतिशत वोट हासिल करने में सफल रही कांग्रेस ने इस यात्रा के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल इलाकों का रूटमैप बनाया है। संभवत: उसे मुस्लिम मतों में बड़ी भागीदारी का रोडमैप भांपकर ही इन विपक्षी दलों ने यात्रा से किनारा करने की रणनीति अपनाई है।

यह भी पढ़ें: वामदलों का कांग्रेस से रिश्ता, कहीं दोस्ती कहीं दुश्मनी; बिहार में सरकार को दिया सहारा, तो केरल में है आपत्ति

बागपत-शामली से होते हुए हरियाणा पहुंचेगी यात्रा

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की अगुआई में भारत जोड़ो यात्रा तीन जनवरी को गाजियाबाद के लोनी से उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर बागपत-शामली होते हुए हरियाणा पहुंचेगी। कन्याकुमारी से कश्मीर तक प्रस्तावित इस 3,500 किलोमीटर की यात्रा के लिए उत्तर प्रदेश के यह तीन दिन और 130 किलोमीटर इसलिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि सर्वाधिक 80 लोकसभा सीटें इसी राज्य में हैं। इसके अलावा गांधी परिवार की राजनीतिक भूमि भी उत्तर प्रदेश ही है।

उत्तर प्रदेश में मजबूती मिलने से पार्टी की बदलेगी दशा

कांग्रेस के रणनीतिकार यह कहते भी रहे हैं कि पार्टी की दशा तभी बदलेगी, जब उत्तर प्रदेश में मजबूती मिलेगी। उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी नेता अखिलेश यादव, मायावती और जयंत चौधरी यात्रा में शामिल नहीं हो रहे हैं। न्योता मिलने या नहीं मिलने के अपुष्ट बहानों से इतर कारण दूसरे नजर आ रहे हैं।

यह भी पढ़ें: ठंड में टी शर्टधारी राहुल को कांग्रेसी समझने लगे देवदूत, पार्टी कार्यकर्ताओं के मन में गढ़ी नेता की अलग छवि

पश्चिमी उत्तर प्रदेश से निकलेगी यात्रा

दरअसल, अपने पारंपरिक चुनाव क्षेत्र रायबरेली और अमेठी के बजाय राहुल गांधी लोनी, कैराना, कांधला, शामली, बागपत जैसे इलाकों से यात्रा निकालने जा रहे हैं, जहां मुस्लिम बड़ी संख्या में हैं। कैराना में लगभग 80 तो कांधला में 70 प्रतिशत तक आबादी मुस्लिम है। यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश का क्षेत्र है, जहां जाटों का भी प्रभाव है। सपा-रालोद गठबंधन यादव-मुस्लिम-जाट गठजोड़ के सहारे 2024 का मैदान सजाने के लिए तैयार है। वहीं, मायावती लगातार प्रयासरत हैं कि उनसे छिटककर सपा के पाले में गया मुस्लिम वोट फिर उनके पास आए तो वह दलित-मुस्लिम गठजोड़ के सहारे दोबारा खड़ी हो सकें।

अमेठी से राहुल गांधी को मिली हार

आंकड़े देखें तो 2019 का चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए सबसे खराब रहा। अमेठी से राहुल गांधी तक हार गए और सिर्फ रायबरेली सीट संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी जीत सकीं। इस अप्रत्याशित गिरावट के बावजूद यदि कांग्रेस को सबसे अधिक वोट किसी ने दिए तो वह मुस्लिम वर्ग ही था।

कांग्रेस को मिला जाटों का दो प्रतिशत वोट

सीएसडीएस के सर्वे के मुताबिक, सपा-बसपा गठबंधन को 73 प्रतिशत वोट मिला तो 14 प्रतिशत मुस्लिम मत कांग्रेस को। वहीं, कभी ब्राह्मणों की पार्टी कही जाने वाली कांग्रेस को इस जाति का मात्र छह प्रतिशत ही वोट मिला। इसी तरह, सपा-बसपा-रालोद गठबंधन जाटों का सात प्रतिशत वोट बटोर सका, जबकि कांग्रेस अकेले दो प्रतिशत ले गई।

सपा, बसपा और रालोद को मिलेगी बड़ी चुनौती

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में यदि मुस्लिम और जाट बहुल वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यात्रा को विपक्ष का साथ मिलने से कांग्रेस का प्रभाव बढ़ा तो उसकी मंजिल सपा, बसपा और रालोद के लिए भविष्य में बड़ी चुनौती के रूप में सामने आएगी।

ये भी पढ़ें:

आईआईटी मद्रास का अध्ययनः पीएम 2.5 में क्लोराइड की अधिक मात्रा से कम होती है विजिबिलिटी

Vishvas News Analysis: यूक्रेन युद्ध, ‘भारत जोड़ो’, चुनाव और पठान विवाद को लेकर खूब फैलाया गया झूठ, जानें क्या रहे 2022 में मिस-इन्फॉर्मेशन के ट्रेंड्स


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.