Hyperglycemia Symptoms: हाई ब्लड शुगर के इन लक्षणों को इग्नोर करना पड़ सकता है आपकी सेहत पर भारी
Hyperglycemia Symptoms लक्षणों को जल्दी समझना और जल्दी उन पर काम करना हाई ब्लड शुगर लेवल और डायबिटीज़ की मुश्किलों को रोकने के तरीकों में से एक है। यह सलाह दी जाती है कि डायबिटीज़ एक्सपर्ट से सलाह दें और कुछ जरूरी कदम उठाएं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Hyperglycemia Symptoms: ब्लड शुगर के स्तर को समझना डायबिटीज़ मैनेजमेंट या उसकी रोकथाम में बहुत जरूरी है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि ब्लड सर्कुलेशन में मौजूद शुगर के हाई या लो होने पर शरीर में किस तरह की परेशानियां हो सकती हैं। हालांकि, इसे कुछ सामान्य संकेतों और लक्षणों की मदद से पहचाना जा सकता है। तो इस लेख में हम हाई ब्लड शुगर और उससे जुड़े 8 ऐसे लक्षणों के बारे में जानेंगे, जिस ओर आपको ज़रूर ध्यान देना चाहिए। आइए जानते हैं फिर इनके बारे में।
क्या है हाई ब्लड शुगर?
हाई ब्लड शुगर, जैसा कि इस शब्द से पता चलता है कि, एक ऐसी स्थिति है जहां खून के प्रवाह में मौजूद शुगर नॉर्मल लिमिट से ज्यादा हो जाए, इसे हाइपरग्लेसेमिया के नाम से भी जाना जाता है। अगर समय पर इलाज किया जाए तो इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है।
हालांकि लीवर और मांसपेशियां कुछ मात्रा में शुगर का उत्पादन करती हैं लेकिन ज्यादातर ग्लूकोज हमारे द्वारा खाए जाने वाले खाने से ही मिलता है। इसके बाद ग्लूकोज को इंसुलिन की मदद से शरीर की सभी रक्त कोशिकाओं तक पहुंचाया जाता है। इंसुलिन पैंक्रियाज यानि अग्न्याशय द्वारा निर्मित एक हार्मोन है।
सामान्य तौर पर, पैंक्रियाज रक्त कोशिकाओं (ब्लड सेल्स) में इंसुलिन जारी करता है। लेकिन कुछ मामलों में, शरीर इंसुलिन (टाइप 1 डायबिटीज़) का उत्पादन करने में असमर्थ होता है या उत्पादित इंसुलिन (टाइप 2 डायबिटीज़) का सही ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है। ऐसी स्थिति में, कोशिकाओं को आवश्यक ग्लूकोज नहीं मिल पाता है और वही खून के प्रवाह में मौजूद रहता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।
ऐसे जांचें अपना ब्लड शुगर लेवल
ब्लड शुगर के लेवल को ब्लड ग्लूकोज मॉनिटर की मदद से आसानी से मॉनिटर किया जा सकता है, जिसे ग्लूकोमीटर कहते हैं। आप को बस इतना करना है कि आप उंगली की नोक से खून की एक छोटी बूंद निकालें और इसे ग्लूकोमीटर की टेस्ट स्ट्रिप पर रख दें, इस के बाद आप कुछ सेकंड में अपनी मौजूदा शुगर रीडिंग जान सकते है ।
हाई ब्लड शुगर के संकेत और लक्षण
हाई ब्लड शुगर लेवल या हाइपरग्लेसेमिया वाले किसी व्यक्ति में निम्नलिखित में से कुछ या यह सभी लक्षण हो सकते है –
1. धुंधला दिखना
हाई ब्लड शुगर का लेवल लंबे समय तक हाई रहने से आंखों की ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंच सकता है, जिस से धुंधला दिखने की समस्या शुरू हो सकती है। हालांकि, थोड़े समय के लिए, आंख में तरल पदार्थ अंदर और बाहर चले जाते हैं, जिससे लेंस सूज जाता है। जैसे ही आकार बदलता है, नज़रें धुंधली हो जाती है। ब्लड शुगर लेवल गिरने पर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।
2. बार-बार पेशाब आना
इसे “पॉलियूरिया” के नाम से भी जाना जाता है, बार-बार पेशाब आना यह समझने के लिए सबसे आसान संकेतों में से एक है कि आप के शुगर लेवल में कुछ गड़बड़ है। इस स्थिति में, शरीर सामान्य से ज्यादा या असामान्य मात्रा में पेशाब पास करता है। पॉलियूरिया को इस तरह भी समझा जा सकता है कि सामान्य रूप से रोज़ पेशाब पास करने की मात्रा लगभग 2 लीटर तक ही होती है लेकिन पॉलियूरिया में यह मात्रा एक दिन में 3 लीटर से ज्यादा हो जाती है ।
3. भूख का बढ़ना
हाई ब्लड शुगर के लेवल के दौरान भूख बढ़ने के लिए मेडिकल टर्म “पॉलीफेगिया” का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में मांसपेशियों को जरूरत के हिसाब से ग्लूकोज नहीं मिलने के कारण व्यक्ति को ज्यादा भूख लगने लगती है। यह हाई शुगर लेवल का एक और महत्वपूर्ण संकेत है क्योंकि इससे इंसुलिन प्रतिरोध (इंसुलिन रेजिस्टेंस ) हो सकता है। अगर शरीर मांसपेशियों को ग्लूकोज पहुंचाने के लिए उत्पादित इंसुलिन का उपयोग करने में असमर्थ होता है, तो टिश्यू और मांसपेशियां मस्तिष्क की कोशिकाओं को खाने के लिए ट्रिगर करती हैं।
4. ज्यादा प्यास लगना
अच्छी मात्रा में पानी पीने के बाद भी आपकी प्यास नहीं बुझती हैं या हर समय आपको प्यास लगती हैं, तो यह आपके ब्लड शुगर के स्तर की जांच करने का समय है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि खून के प्रवाह में ग्लूकोज की ज्यादा मात्रा मौजूद होने पर शरीर डिहाईड्रेशन फील करता है । शरीर खून को पतला करने और उच्च ग्लूकोज के स्तर को कम करने के लिए टिश्यू से तरल पदार्थ खींचता है। इस प्रक्रिया में, टिश्यू डिहाईड्रेटेड हो जाते हैं और ज्यादा पानी के लिए मस्तिष्क को संदेश भेजते हैं। इसका हाई शुगर लेवल के एक और दुसरे संकेत से सीधा संबंध है, जो कि है बार – बार पेशाब आना जिस कारण आप को बार – बार प्यास लगती है ।
5. थकान
क्योंकि आपके शरीर के टिश्यू और मांसपेशियों को ग्लूकोज के रूप में ऊर्जा नहीं मिल रही है, इसलिए थकान हाई ब्लड शुगर लेवल का संभावित लक्षण हो सकता हैं। हाई ब्लड शुगर के कारण इंसुलिन रेजिस्टेंस होने से शरीर थका हुआ महसूस करता है। आप यह ध्यान दें कि थका हुआ महसूस करना और थकान दो अलग-अलग स्थितियां हैं। अगर कोई थका हुआ हो तो आराम करने के बाद बेहतर महसूस करता है लेकिन अगर कोई व्यक्ति थका हुआ महसूस करता है, तो आराम करने से भी उस की थकावट दूर नहीं होती है।
6. मुंह सूखना
इसे चिकित्सकीय रूप से “ज़ेरोस्टोमिया” के रूप में जाना जाता है। मुंह सुखना एक ऐसी स्थिति है जब मुंह में पर्याप्त लार नहीं बनती। बैक्टीरिया के स्तर को नियंत्रित करने और दांतों और मसूड़ों के आसपास के एसिड को धोने के लिए लार बहुत जरूरी है। लार की कमी या मुंह सूखना हाई ब्लड शुगर लेवल का एक और संकेत है जो बाद में खमीर संक्रमण (यीस्ट इन्फेक्शन) भी पैदा कर सकता है। इसके अलावा, बार-बार पेशाब आना जो कि हाई शुगर का एक संकेत है, जिस के कारण भी मुंह में सूखापन की समस्या होने लगती है।
7. एकाग्रता में कमी
अध्ययनों से पता चला है कि हाई ब्लड शुगर लेवल एकाग्रता में कठिनाई पैदा कर सकता है। हालांकि हमारा मस्तिष्क पूरी तरह से ट्यून किया हुआ अंग है, यह खून के प्रवाह में मौजूद शुगर की मात्रा के प्रति भी संवेदनशील होता है । जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, उच्च रक्त शर्करा के स्तर के लंबे समय तक संपर्क में रहने से आप की कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है। क्योंकि मस्तिष्क को ठीक से काम करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है और इंसुलिन रेजिस्टेंस ग्लूकोज को मस्तिष्क की कोशिकाओं तक ले जाने में मुश्किल पैदा कर सकता है और शरीर को ध्यान केंद्रित करने में समस्या हो सकती है ।
8. घाव भरने में सामान्य से ज्यादा समय लगना
हाई ब्लड शुगर लेवल की स्थिति में शरीर में हुए किसी भी घाव को ठीक होने में ज्यादा समय लगता है क्योंकि शरीर के लिए डैमेज ब्लड वेसल्स के कारण ठीक होने के लिए आवश्यक पोषक तत्व पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। यह आपकी त्वचा पर कट/घाव को महसूस करने की क्षमता पर भी असर डालता है इसलिए समय पर इलाज न होने से त्वचा में संक्रमण होने का खतरा बना रहता है ।
हाई ब्लड शुगर के लिए सेल्फ केयर
• समय-समय पर अपने शुगर लेवल की जांच करें। अगर आपके पास हैंडी ग्लूकोमीटर है तो यह आसान हो सकता है।
• अपना खाना, खासतौर पर नाश्ता न छोड़ें।
• शक्कर वाली चीज़ों से बचें और कैफीन वाली ड्रिंक्स से दूर रहें।
• किसी भी तरह की एक्सरसाइजेस को अपने रूटीन में शामिल करें, इससे शुगर लेवल को कम किया जा सकता है। हालांकि, अगर आप की रीडिंग 240 mg/dL से ज्यादा का लेवल दिखाती है, तो सलाह दी जाती है कि पहले कीटोन्स की जांच करें। ऐसे में व्यायाम न करें।
• डायबिटीज़ एक्सपर्ट की मदद लें और एक डायबिटीज़ प्लान बनाएं, जिसमें डाइट से लेकर लाइफस्टाइल हर एक का ब्यौरा हो।
• ब्लड शुगर लेवल सामान्य सीमा में नहीं होने की स्थिति में डॉक्टर की मदद से मेडिकेशन शुरू करें ।
(ज़ोया अशरफ - BeatO डायबिटीज़ कोच एंड सीनियर नूट्रिशनिस्ट से बातचीत पर आधारित)
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