Doda House Cracks: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा- डोडा में नहीं है जोशीमठ जैसी स्थिति; प्रशासन की है नजर
डोडा में करीब 21 घरों में दरारें आ गई हैं। ये दरारें इतनी बड़ी हैं कि इन घरों के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। शनिवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन डोडा में दो दर्जन ढांचों में दरारों पर करीबी नजर रख रहा है।
जम्मू, पीटीआई। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में भी जोशीमठ जैसा संकट सामने आने के बाद प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। डोडा में करीब 21 घरों में दरारें आ गई हैं। ये दरारें इतनी बड़ी हैं कि इन घरों के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। शनिवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन डोडा में दो दर्जन ढांचों में दरारों पर करीबी नजर रख रहा है। मनोज सिन्हा ने कहा कि स्थिति गंभीर है, लेकिन जोशीमठ जैसा संकट नहीं है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया कि इलाके में घरों में दरार आई हैं, लेकिन जोशीमठ जैसे स्थिति गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि इलाके को खाली कराया जा चुका है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को कहा कि डोडा के ठाठरी में जमीन धंसने की घटना को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। यहां जोशीमठ जैसे हालात नहीं हैं। भू-वैज्ञानिकों का एक दल यहां के हालात का जायजा ले रहा है। उनकी रिपोर्ट आने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचने की जरूरत है।
बता दें कि, तीन घर दरार पड़ने के बाद ढह गए। 18 अन्य इमारतें असुरक्षित हो गई है, जिससे जिला प्रशासन को 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना पड़ा है।
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प्रशासन की है कड़ी नजर
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा कि सभी प्रभावित घरों को खाली करा लिया गया है और इस मामले पर ज्यादा चर्चा करने की जरूरत नहीं है। प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है और लोगों को सुरक्षित करने के लिए हर एक कदम उठा हा है।
उन्होंने आगे कहा, "हालात पर प्रशासन की पैनी नजर है। प्रभावित क्षेत्र से सभी लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है। आज भू-वैज्ञानिकों का एक दल भी प्रभावित इलाके में जांच के लिए गया है। वैज्ञानिकों की रिपोर्ट आने दीजिए, उसके बाद ही इस धंसाव के कारण का पता चलेगा।"
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नहीं है जोशीमठ जैसी स्थिति
मनोज सिन्हा ने सवाल का जवाब देते हुए बताया कि डोडा में उत्तराखंड के जोशीमठ जैसी स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे घरों में पड़ी दरार के कारणों के के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। हमें विशेषज्ञों की राय पर विश्वास करना चाहिए और उन्हें विश्लेषण करने और तथ्यों के साथ सामने आने देना चाहिए।
उपराज्यपाल ने बताया कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अधिकारियों की एक टीम विस्तृत विश्लेषण के लिए डोडा पहुंची है और वो सरकार के सामने जल्द ही रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
बता दें कि, बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों के प्रवेश द्वार के रूप में विख्यात उत्तराखंड का जोशीमठ, भूमि धंसने के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है।