Narwal IED blast के अरोप में रियासी से सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार, ड्रोन से गिराए गए परफ्यूम आईईडी बरामद
जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने दावा किया कि 20 जनवरी के नरवाल में हुए दो आईईडी विस्फोट में लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी को गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता हासिल की है। आतंकी एक सरकारी कर्मचारी भी है जिसके कब्जे से एक परफ्यूम आईईडी मिला है।
जम्मू, जागरण संवाददाता । जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने दावा किया कि 20 जनवरी के नरवाल में हुए दो आईईडी विस्फोट में लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी को गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता हासिल की है। आतंकी एक सरकारी कर्मचारी भी है, जिसके कब्जे से एक परफ्यूम आईईडी मिला है।
जम्मू में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा कि जम्मू पुलिस की 11 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद, जम्मू संभाग के रियासी जिले के निवासी आरिफ अहमद को गिरफ्तारी किया है।
सरकारी कर्मचारी और लश्कर का सक्रिय आतंकवादी है आरिफ
उन्होंने बताया कि आरिफ एक सरकारी कर्मचारी है और लश्कर-ए-तैयबा संगठन का सक्रिय आतंकवादी है। वह रियासी निवासी कासिम दीन और उसके मामा कमरदीन के इशारे पर काम कर रहा था, दोनों वर्तमान में पाकिस्तान में है और लश्कर का हिस्सा हैं। आरिफ ने अब तक तीन आईईडी विस्फोट करने की बात कबूली है। जिन में जम्मू शहर के शास्त्री नगर में फरवरी 2022 को हुआ था के अलावा, कटडा में बस में हुआ विस्फोट और 20 जनवरी को नरवाल, जम्मू की घटना में शामिल था।
बोतल के रूप में पाई गई आईईडी
अभी तक हमने विस्फोटक सामग्री, स्टिकी बम और टाइमर लगे आईईडी के साथ आईईडी देखा था लेकिन आरिफ के पास से एक नए प्रकार का आईईडी बरामद किया गया जो परफ्यूम आईईडी है। यह आईईडी एक बोतल के रूप में है और एक परफ्यूम की बोतल की तरह लगता है, लेकिन इसमें विस्फोटक सामग्री होती है।
आईईडी का उद्देश्य जम्मू क्षेत्र में सांप्रदायिक नफरत पैदा करना
उन्होंने कहा कि इन आईईडी का मुख्य उद्देश्य निर्दोष लोगों को निशाना बनाना और जम्मू क्षेत्र में सांप्रदायिक नफरत पैदा करना है। आरिफ अब न केवल अपनी नौकरी खो देगा बल्कि उसके खिलाफ एक मजबूत डोजियर तैयार किया जाएगा। सबूतों को मिटाने के लिए आरिफ ने अपने कपड़े, जूते और यहां तक कि उसने अपने मोबाइल फोन को भी आग के हवाले कर दिया था, उसने सारे सबूत जला दिए थे। लेकिन पुलिस ने छोटी-छोटी सूचनाओं और सुरागों पर मेहनत की, जिसके कारण आरिफ को गिरफ्तार कर लिया गया।
राजौरी हमले से भी जुड़े हो सकते हैं तार
डीजीपी ने कहा कि आरिफ को मिले आईईडी को ड्रोन के जरिए हवा से गिराया गया था। आरिफ ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। डांगरी, राजौरी की घटना और जांच के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि जांच अग्रिम चरण में है और जल्द ही इसका परिणाम साझा किया जाएगा।
आरिफ के और लिंक और संभावित कश्मीर कनेक्शन के बारे में पूछे जाने पर, डीजीपी ने कहा कि अभी तक यह नहीं देखा गया है। इस बारे में जांच की जा रही है।