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Himachal Election 2022: हिमाचल में सर्विस वोटर कैसे हुए मतदान से वंचित, फार्म-12 का क्‍या है खेल, जानिए सबकुछ

Himachal Election 2022 हिमाचल प्रदेश में कई सर्विस वोटर मतदान करने से वंचित रह गए हैं। चुनाव परिणाम से पहले यह मामला हिमाचल प्रदेश की सियासत में खूब गरमाया हुआ है। कांग्रेस इस पर कई आरोप लगा रही है। लेकिन अब असल वजह सामने आ गई है।

By Jagran NewsEdited By: Rajesh Kumar SharmaPublished: Wed, 30 Nov 2022 08:31 AM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 08:31 AM (IST)
Himachal Election 2022: हिमाचल में सर्विस वोटर कैसे हुए मतदान से वंचित, फार्म-12 का क्‍या है खेल, जानिए सबकुछ
हिमाचल प्रदेश में कई सर्विस वोटर मतदान करने से वंचित रह गए हैं।

बिलासपुर, जागरण संवाददाता। Himachal Election 2022, हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग मतदान केंद्रों पर तैनात वे कर्मचारी वोट नहीं दे सकते, जिनके फार्म-12 नौ नवंबर से पहले नहीं पहुंचे हैं। निर्वाचन विभाग ने निर्देश दिया था कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी फार्म-12 भरने के बाद उसकी वेरिफिकेशन करवाकर संबंधित उपमंडल के निर्वाचन अधिकारी को डाक से भेजें। कुछ कर्मचारी दुर्गम क्षेत्रों में तैनात थे और फार्म-12 भरने के बाद डाक से भेजने में उन्हें देर हुई या डाक देर से पहुंचने के कारण वे मतदान से वंचित हो गए हैं। मतदान के लिए पोलिंग पार्टियों को 10 नवंबर को रवाना कर दिया था और उनके फार्म की नौ नवंबर को ही पैकिंग कर दी गई थी। इसके बाद जिन कर्मियों के फार्म पहुंचे, उनके लिए मतपत्र जारी नहीं किए जा सके हैं।

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क्या है प्रक्रिया

निर्वाचन विभाग के अनुसार जिला में चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात कर्मचारियों को रिहर्सल के पहले दिन यानी 25 अक्टूबर को ही फार्म-12 उपलब्ध करवा दिए थे। इन फार्म को भरने के बाद उनका सत्यापन करवाकर उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी को डाक से भेजना था। उसके बाद सभी फार्म पहुंचने पर निर्वाचन अधिकारी द्वारा जिला निर्वाचन विभाग को मांग भेजी जानी थी। मांग के मुताबिक संबंधित कर्मियों के लिए पूरी सुरक्षा के साथ मतपत्र संबंधित निवार्चन अधिकारी तक पहुंचाए जाने थे। उन्हें कोषागार में सुरक्षित रखा जाता है और उसके बाद कर्मचारियों को डाक के माध्यम से यह डाक मत पत्र पेपर भेजे जाते हैं।

कहां आई समस्या

दुर्गम क्षेत्रों से फार्म-12 डाक के माध्यम से भेजे तो गए थे, लेकिन वह डाक संबंधित निर्वाचन अधिकारी तक देर से पहुंची। निर्वाचन विभाग के मुताबिक यह डाक नौ नवंबर तक हर हाल में पहुंच जानी चाहिए थी। नौ नवंबर को जब सभी डाक मतपत्रों को पैक किया जा रहा था तो उस समय पोलिंग पार्टियों को दी जाने वाली सूची में इन पर बीपी यानी बैलेट पेपर मार्क किया जाना था ताकि वह मतदाता वोट का दो स्थानों पर प्रयोग न कर सके। जिन लोगों के फार्म नंबर 12 समय पर नहीं पहुंचे थे, उनके नाम सूची से नहीं हटाए जा सके और वे मतदान से वंचित रह गए हैं।

बिलासपुर में 4204 कर्मचारी थे तैनात

जिला बिलासपुर के 418 पोलिंग बूथ पर 4204 कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात थे, जिन्होंने डाक मतपत्र से मताधिकार का प्रयोग करना था। इसी तरह 4034 सर्विस वोटर थे, जिसमें सैनिक व अर्धसैनिक बलों के जवान शामिल थे। घुमारवीं उपमंडल से 18 कर्मी वोट नहीं दे पाए हैं। इनमें दो के फार्म अधूरे थे और 16 के फार्म देरी से आए।

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निर्धारित समय के बाद भी आए हैं फार्म : उपायुक्‍त

उपायुक्‍त बिलासपुर पंकज राय का कहना है निर्धारित समय सीमा में फार्म नंबर 12 भरकर न भेजने वाले कर्मी अब वोट नहीं दे पाएंगे। फार्म न पहुंचने पर इनका इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से नाम काटा नहीं गया था। जिले में कुल 11,422 पोस्टल बैलेट पेपर जारी किए गए थे, जिनमें से अभी तक 7282 प्राप्त हो चुके हैं। निर्धारित समय के बाद कुछ फार्म आए हैं, जो घुमारवीं से रिपोर्ट हुए हैं।

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