Delhi MCD Election: दिल्ली में चाय बेचने से लेकर मेयर बनने तक का सफर, पढ़िए अवतार सिंह की सफलता की कहानी
Delhi MCD Election आगामी 4 दिसंबर को दिल्ली एमसीडी के 250 की सीटों पर मतदान होना है। जीते हुए पार्षद दिल्ली के अगले मेयर का चयन करेंगे। इस कड़ी में आपको दिल्ली के एक पूर्व मेयर के संघर्ष की कहानी बताते हैं जो कभी दिल्ली में चाय बेचते थे।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Delhi MCD Election 2022 दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर मतदान में अब सिर्फ कुछ दिन ही शेष हैं। चुनाव प्रक्रिया की कड़ी में आगामी 4 दिसंबर को दिल्ली एमसीडी की 250 सीटों के लिए मतदान होना है। इसके तीन दिन बाद 7 दिसंबर को नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां जीत के लिए पूरा जोर लगा रही हैं। पिछले 15 सालों से भाजपा का दिल्ली नगर निगम पर बोलबाला है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी चौथी बार भी जीत हासिल करने की कोशिश में है।
वर्ष 2019 में चुने गए थे मेयर
इसी कड़ी में भाजपा ने कुछ ऐसे चेहरों पर दांव लगाया है, जिनके कारण दिल्ली नगर निगम के नतीजों में पार्टी खुद को और मजबूत स्थान पर देख रही है। इन्हीं नामों में एक नाम अवतार सिंह का भी आता है। अवतार सिंह की गिनती भाजपा के कद्दावर सिख नेताओं में होती है। साल 2019 में उन्हें उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर के तौर पर निर्विरोध चुना गया था। हालांकि, अवतार सिंह के उत्तरी दिल्ली के मेयर बनने तक सफर बेहद प्रेरणादायी है।
पीपल के पेड़ के नीचे बेची थी चाय
दिल्ली के सिविल लाइंस से भाजपा के पूर्व पार्षद अवतार सिंह उत्तरी दिल्ली के मेयर बनने वाले पहले दलित सिख हैं। 2019 में महापौर बनने से पहले अवतार सिंह दिल्ली के दलित सिख महापौर थे। इससे पूर्व उनका शुरुआती जीवन संघर्षपूर्ण रहा है। उनके बारे में बताया जाता है कि कभी वह अजमेरी गेट इलाके में पीपल के पेड़ के नीचे चाय की दुकान लगाते थे। इतना ही नहीं, कई वर्षों तक दिल्ली में चाय बेचकर ही उन्होंने परिवार का भरण पोषण किया।
कुली बने होटल में किया वेटर का काम
अवतार सिंह की संघर्ष गाथा यही खत्म नहीं होती। उन्होंने दिल्ली के बड़े होटलों में वेटर और कुली तक का काम भी किया है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को अपना आदर्श मानने वाले अवतार सिंह अपने करियर के शुरुआती दिनों में कश्मीरी गेट की रामलीला में विभिन्न किरदार निभाते थे। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरीब कल्याण के लिए चलाई जा रही नीतियों से बहुत प्रभावित हैं।
बता दें कि दिल्ली में महापौर यानी मेयर का चुनाव अप्रत्यक्ष तौर होता है, जिसमें नगर निगम के विभिन्न वार्डों के पार्षद भाग लेते हैं। एमसीडी के एकीकरण से पहले दिल्ली में तीन मेयरों का चयन होता था, जो दक्षिण दिल्ली, उत्तरी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली क्षेत्र से होते थे। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 2022 में दिल्ली नगर निगम का एकीकरण कर दिया, जिसके बाद इस बार 250 वार्ड पर चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में अब दिल्ली में तीन नहीं, बल्कि एक ही मेयर होगा।