Mahabodhi Temple: अब आपके घर को महकाएगी बुद्ध के चरणों में चढ़े फूलों से बनी अगरबत्ती, महिलाओं को मिला रोजगार
Mahabodhi Temple बनारस सहित बड़े मंदिरों में फूलों से अगरबत्ती बनाने वाली एजेंसी के साथ समझौता हुआ है जिसके तहत बोधगया के महाबोधि मंदिर में चढ़े फूलों से अगरबत्ती बनाई जा रहा है। एमओयू हस्ताक्षर करने के बाद बड़े पैमाने पर महिलाएं अगरबत्ती बना रही हैं।
गया, जागरण संवाददाता। ज्ञान की भूमि बोधगया के विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर में भगवान बुद्ध के चरण और साज-सज्जा के लिए चढ़े फूलों का सदुपयोग हो रहा है। फूलों की खुशबू मंदिर तक सीमित नहीं है। पूजा-अर्चना के बाद फूलों को एकत्र कर वाराणसी की एक एजेंसी के माध्यम से बोधगया की भूमि पर बड़े पैमाने पर अगरबत्ती बनायी जा रही है। अगरबत्ती की खुशबू घरों तक पहुंच गयी है। उसकी खुशबू से हर घर महक रहा है। बीटीएमसी के अध्यक्ष सह जिलाधिकारी डा.त्यागराजन एसएम से बुधवार को बातचीत की गई।
महिलाओं को मिला स्वरोजगार
उन्होंने बताया कि बनारस सहित बड़े मंदिरों में फूलों से अगरबत्ती बनाने वाली एजेंसी के साथ समझौता हुआ है। बोधगया के महाबोधि मंदिर में चढ़े फूलों से अगरबत्ती बनाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। एमओयू हस्ताक्षर करने के बाद बड़े पैमाने पर अगरबत्ती बनायी जा रही है। अगरबती बनाने में बोधगया की काफी महिलाएं जुड़ीं थीं, जिन्हें स्वरोजगार मिला है। अब मंदिर में चढ़ने वाले फूल बेकार नहीं होते हैं। उसका सदुपयोग हो रहा है।
सीएम और डिप्टी सीएम को उपहार में दिए अगरबत्ती
डीएम ने बताया कि फूलों से बनने वाले अगरबत्ती की मांग बहुत अधिक है। बीते दिनों जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव बोधगया आए थे, उन्हें भी बोधगया महाबोधि मंदिर में चढ़े फूलों से बनी अगरबत्ती को उपहार स्वरूप दिया गया था। डीएम ने कहा कि पूर्व में भी ढुगेश्वरी की जो भी महिलाएं जुड़ी हुईं थीं। उसे भी प्रशिक्षण देकर वाराणसी की एजेंसी को जोड़ने को कहा गया है, ताकि उनको भी रोजगार मिल सके।
होली पर फूलों से बनता है गुलाल
डीएम ने कहा कि ढगेश्वरी वन क्षेत्र की महिलाएं सिर्फ होली के कुछ माह पहले महाबोधि मंदिर में चढ़ने वाले फूलों को गुलाल बनाने के लिए लेती थीं। यहां के सभी फूलों का सदुपयोग नहीं होता था। बहुत से फूल बेकार हो रहे थे। होली समाप्ति के बाद महिलाओं की समूह फूल लेना बंद कर दिया था। इधर, दो फरवरी 22 को वन प्रमंडल के निर्वतमान वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिषेक कुमार ने डीएम को पत्र लिखकर महाबोधि मंदिर में चढ़े फूलों को ढ़ुगेश्वरी की महिलाओं को नहीं मिलने की जानकारी दी थी। इस पर उचित निर्णय लेने का आग्रह डीएम से किया गया था।
भेजे पत्र में कहा था कि फूलों के अवशेष से गुलाल बनाने वाली महिलाएं दूर हो गई है। ढुगेश्वरी वन प्रक्षेत्र की महिलाएं कोरोना काल से पहले मंदिर के फूलों से स्वरोजगार में जुड़ी थी। कोरोना काल समाप्ति के बाद इस क्षेत्र की महिलाओं को महाबोधि मंदिर में चढ़ने वाला फूल नहीं मिल रहा है। इस कारण से महिलाएं गुलाल नहीं बना रहीं हैं। इस कारण से ये महिलाएं रोजगार से वंचित हो रहीं हैं।